केंद्र ने खुद को अर्थव्यवस्था के शिक्षण एवं शोध के एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में स्थापित किया है एवं इसे यूजीसी द्वारा सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज के तौर पर मान्यता मिली है । शिक्षण एवं शोध कार्यक्रमों की गुणवत्ता एवं प्रभाव का पता कोर्स की संरचना एवं फैकल्टी तथा शोध छात्रों के शोध से चलता है । फैकल्टी की पुस्तकों, मोनोग्राफ एवं लेखों के प्रकाशन तथा चर्चित मीडिया में लेखों के माध्यम से अपनी पहुँच बढ़ाने की अच्छी पृष्ठभूमि रही है ।
केंद्र इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि फैकल्टी का लाभ विद्यार्थियों को आसानी से प्राप्त हो । शिक्षण का मुख्य लक्ष्य याद करने से अधिक समझने एवं सीखने पर होता है । विद्यार्थियों को निर्रंतर आंकलन की प्रक्रिया के अंतर्गत इकाई पत्र लिखने पड़ते हैं, प्रस्तुतियां देनी पड़ती हैं तथा ओपन बुक परीक्षाओं में भी भाग लेना पड़ता है।
(क) पीएचडी कार्यक्रम में सीधा दाखिला
पीएचडी कार्यक्रम में सीधे तौर पर काफी सीमित विद्यार्थियों को दाखिला मिलता है। दाखिले के लिए न्यूनतम पात्रता किसी अधिकृत संस्थान से एमफिल डिग्री या न्यूनतम दो प्रकाशित शोध पत्र हैं। उम्मीदवारों का चयन फैकल्टी द्वारा एक साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता है।
(ख) एम.फिल / पीएचडी कार्यक्रम
एमफिल कार्यक्रम के अन्तर्गत कोर्स कार्य (पहले वर्ष 4 कोर्स और कुल मिलाकर 16 अंक) एवं शोध पत्र (दुसरे वर्ष पूरा करना होता है, जिसके 8 अंक मिलते हैं) लिखना होता है। आप "मेथड्स ऑफ़ इकॉनोमिक एनालिसिस" या "स्टैटिस्टिकल एंड एकॉनोमेट्रिक मेथड्स" में से एक अनिवार्य कोर्स का चुनाव कर सकते हैं, जबकि अन्य तीन का चुनाव हर सेमेस्टर में प्रदान किये जाने वाले कई वैकल्पिक कोर्सों में से किया जा सकता है। इन कोर्सों का उद्देश्य विद्यार्थियों को आंकलन के मुद्दों एवं किसी भी विषय में चल रहे वर्तमान शोध से परिचित करवाना है, जिससे उन्हें शोध पत्र के लिए आवश्यक शोध की पृष्ठभूमि प्राप्त हो सके। कोर्स कार्य के अन्तर्गत लेक्चर, प्रस्तुतियां एवं लिखित पत्र मुख्य हैं, जबकि शोध पत्र लिखने वाले विद्यार्थियों को अपना कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों में प्रस्तुत करना पड़ता है।
पीएचडी कार्यक्रम में पदोन्नति स्वाभाविक रूप से नहीं होती। जिन विद्यार्थियों का क्युमुलेटिव ग्रेड पॉइंट एवरेज 6.5 या ज़्यादा है, उनके पास सीधे पीएचडी का चुनाव करने या अपना एमफिल शोध पत्र पहले पूरा करने का विकल्प होता है। एमफिल पूरा करने पर पीएचडी कार्यक्रम के लिए पात्रता बनाए रखने के लिए 6.0 का कुल ग्रेड प्राप्त करना आवश्यक है।
इस कार्यक्रम में दाखिला लिखित परीक्षा ( 70 प्रतिशत) एवं वाइवा वोस परीक्षा (30 प्रतिशत) के आधार पर होता है। जो आवेदक इस कार्यक्रम में दाखिला प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें अपनी योजनाबद्ध शोध विषय वस्तु का सार साथ लाना होगा एवं इसके कार्यक्षेत्र तथा व्यावहारिकता का ज्ञान होना चाहिए।
(ग) एमए कार्यक्रम:
एमए कार्यक्रम में दो चीज़ों पर ध्यान दिया जाता है: (i) विद्यार्थियों को वैकल्पिक सैद्धांतिक परिपेक्ष्य में अर्थव्यवस्था के कार्यक्षेत्र की आंकलित नींव से परिचित करवाना; एवं (ii) विद्यार्थियों को उनकी विषय की आंकलित समझ को अर्थव्यवस्था के असल अनुभव से जोड़कर देखने के लिए प्रेरित करना एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण के माध्यम से बदलाव की प्रक्रियाओं को महसूस करना। इसके अन्तर्गत भारतीय अर्थव्यवस्था के परिपेक्ष्य में विकास के विभिन्न अंगों के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह कार्यक्रम कोर्सों में बंटा हुआ है जो 4 सेमेस्टर में पढ़ाई जाती है। पहले वर्ष में पढ़ाए जाने वाले 8 कोर्स अनिवार्य जबकि बचे 8 कोर्स वैकल्पिक होते हैं, जिन्हें आप केंद्र द्वारा प्रदान किये जाने वाले कई कोर्सों में से चुन सकते हैं तथा इनमें 2 ऐसे कोर्स शामिल हैं, जिन्हें अगर आप चाहें तो केंद्र के बाहर से भी चुन सकते हैं। एक विद्यार्थी कई नए अनुभवों में से एक कई कोर्सों के लिए इकाई पत्र लिखकर शोध से परिचय का होता है।