सीएसडीइ 2009-10 से सीधे पीएचडी कार्यक्रम प्रदान कर रही है। केंद्र ने अपना एमफिल/पीएचडी कार्यक्रम 2015 में शुरू किया। हम हर सेमेस्टर में एमए वैकल्पिक कोर्सेस भी उपलब्ध करवाते हैं जो विश्वविद्यालय के हर एमए विद्यार्थी के लिए उपलब्ध है।
सीधी पीएचडी के लिए पात्रता
सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों को पीएचडी कार्यक्रम में सीधे दाखिले के योग्य समझा जाएगा जिनके पास निम्नलिखित पात्रताएं हों :
- सामजिक विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में एमफिल की डिग्री या किसी प्रतिष्ठित संस्था में 2वर्ष का शोध अनुभव तथा आनुपातिक स्तर का शोध प्रकाशन हो।
- जिन्होंने करीब 2000 शब्द का प्रभावी शोध प्रस्ताव तैयार करके अपनी शैक्षणिक क्षमता का परिचय दिया हो, जिसके अन्तर्गत उन्होंने कोई ख़ास विषय वस्तु बनाई हो, समस्या का खाका तैयार किया हो, साहित्य की समीक्षा की हो या उपयुक्त शोध कार्य प्रणाली का पालन किया हो।
एमफिल/पीएचडी कार्यक्रम के लिए पात्रता
- एकीकृत एमफिल/पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला लिखित परीक्षा एवं वाइवा वोस परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। लिखित परीक्षा के बाद चुने हुए उम्मीदवारों को वाइवा वोस के समय करीब 1000 से 1500 शब्दों का शोध प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।
- एमफिल कार्यक्रम कुल मिलाकर 32अंकों का होता है (कोर्स कार्य के लिए 16 अंक एवं शोध पत्र के लिए 16 अंक) तथा इसे अधिकतम चार सेमेस्टर में समाप्त करना होता है। कोर्स कार्य के अन्तर्गत अनिवार्य एवं वैकल्पिक पेपर आते हैं तथा इसमें व्याख्यानों के समूह, सेमिनार पत्रों की तैयारी एवं प्रस्तुति एवं प्रगति पर रहने वाले कार्यों पर विचार विमर्श में प्रतिभागिता शामिल है। विद्यार्थियों को सम्पूर्ण कोर्स कार्य एमफिल के प्रथम वर्ष में पूरा करना होगा। पीएचडी में दाखिला स्वाभाविक नहीं है तथा विश्वविद्यालय के नियमों द्वारा संचालित है।
केंद्र के कोर्स कई विषयक समस्याओं जैसे हिस्ट्रीज़ फ्रॉम द मार्जिन्स;अग्रेरियन चेंज एंड एक्सक्लयूशन्स; नेशंस एंड बॉर्डर्स;माइनॉरिटीज;एथ्निसिटीज़;पोलिटिकल इकोनॉमी ऑफ़ डिस्क्रिमिनेशन;दलित्स एंड एक्सक्लूशन पावर एंड डिस्क्रिमिनेशन;मार्जिनलाइज़ेशन्स;सोशल पॉलिसीज, डेवलपमेंट एंड एक्सक्लूशन आदि।
पीएचडी कार्यक्रम में दाखिले की पात्रता के लिए मुख्य एवं सहायक विषय हैं : राजनीतिक विज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र, मानव शास्त्र, अर्थशास्त्र, भूगोल, शिक्षा, मनोविज्ञान एवं नीति ।
सीएसडीइ एमफिल/पीएचडी कोर्स संरचना
जो कोर्स संरचना सीएसडीइ एमफिल/पीएचडी के लिए प्रदान करने की योजना बना रही है वह इस प्रकार है:
- दो मुख्य कोर्स = 8 अंक (विद्यार्थियों को इन्हें अनिवार्य कोर्स की तरह लेना होगा)
- (ए) वैकल्पिक कोर्स प्रत्येक 4 अंक (विद्यार्थी इस सेट से कोई भी दो चुन सकते हैं) + 8 अंक
हर सेट का विस्तृत विवरण :
(अधिक जानकारी के लिए इस बात की जांच करें कि मुख्य नोटिस बोर्ड, सीएसडीइ में वह कोर्स किस सेमेस्टर में प्रदान किया जा रहा है)।
1। अनिवार्य कोर्स: कुल = 8 अंक
कोर 1 - डिस्क्रिमिनेशन एंड एक्सक्लूशन: थ्योरेटिकल एंड कांसेप्चुअल फ्रेमवर्क्स – 4 अंक
कोर 2 - रिसर्च मेथड्स फॉर द स्टडी ऑफ़ डिस्क्रिमिनेशन एंड एक्सक्लूशन – 4 अंक
विद्यार्थियों को ये कोर्स हर सेमेस्टर में एक के हिसाब से अनिवार्य कोर्स के तौर पर लेने होंगे।
वैकल्पिक कोर्स :कुल = 8 अंक
- 4 अंक कोर्स
- कास्ट एंड डिस्क्रिमिनेशन: हिस्टोरिकल पर्सपेक्टिव्स – डॉक्टर यागति चिन्ना राव
- अग्ररियन चेंज एंड एक्सक्लूशन्स – डॉक्टर कौस्तव बनर्जी
- एथनिसिटी एंड एक्सक्लूशन्स – डॉक्टर राज शेखर बसु
- कम्युनलिस्म एंड कम्युनल वायलेंस – डॉक्टर रोसिना नासिर
- स्टेट, सोशल प्रोटेक्शन पॉलिसीस एंड द मार्जिनलाइज्ड – डॉक्टर यागति चिन्ना राव
- नेशंस, नेशनलिज्म एंड बॉर्डरलैंड्स: साइट्स ऑफ़ एक्सक्लूशन – प्रोफेसर बद्रीनारायण
- पर्सपेक्टिव्स ऑन डेवलपमेंट – डॉक्टर कौस्तव बनर्जी
- पर्सपेक्टिव्स ऑन सोशल कैपिटल एंड इन्क्लूशन – डॉक्टर रोसिना नासिर
कुल कोर्स कार्य अंक = 16;
कुल शोधपत्र अंक = 16;
कुल एमफिल अंक = 32अंक
एमफिल/पीएचडी कोर्स:
कोर्स संख्या |
शीर्षक |
अंक |
कोर्स का प्रकार |
सेमेस्टर ** |
मूल कोर्स |
||||
डीइ 601 |
डिस्क्रिमिनेशन एंड एक्सक्लूशन:थ्योरेटिकल एंड कांसेप्चुअल फ्रेमवर्क्स |
4 |
कोर |
मानसून |
डीइ 602 |
रिसर्च मेथड्स फॉर द स्टडी ऑफ़ डिस्क्रिमिनेशन एंड एक्सक्लूशन |
4 |
कोर |
शीतकालीन |
|
||||
डीइ 603 |
कास्ट एंड डिस्क्रिमिनेशन: हिस्टोरिकल पर्सपेक्टिव्स |
4 |
वैकल्पिक |
मानसून |
डीइ 604 |
अग्ररियन चेंज एंड एक्सक्लूशन्स |
4 |
वैकल्पिक |
शीतकालीन |
डीइ 605 |
एथनिसिटी एंड एक्सक्लूशन्स |
4 |
वैकल्पिक |
मानसून |
डीइ 606 |
कम्युनलिज्म एंड कम्युनल वायलेंस |
4 |
वैकल्पिक |
शीतकालीन |
सेमिनार पत्र |
||||
डीइ 607 |
स्टेट, सोशल प्रोटेक्शन पॉलिसीस एंड द मार्जिनलाइज्ड |
4 |
वैकल्पिक |
शीतकालीन |
डीइ 608 |
नेशंस, नेशनलिज्म एंड बॉर्डरलैंड्स: साइट्स ऑफ़ एक्सक्लूशन |
4 |
वैकल्पिक |
शीतकालीन |
डीइ 609 |
पर्सपेक्टिव्स ऑफ़ डेवलपमेंट |
4 |
वैकल्पिक |
मानसून |
डीइ 610 |
पर्सपेक्टिव्स ऑन सोशल कैपिटल एंड इन्क्लुशन |
4 |
वैकल्पिक |
मानसून |
** विद्यार्थी कृपया केंद्र द्वारा प्रदान किये जाने वाले कोर्स के सेमेस्टर को नोट कर लें ।
केंद्र द्वारा प्रदान किये जाने वाले एमए स्तर के वैकल्पिक कोर्स:
कोर्स कोड |
कोर्स शीर्षक |
कोर्स निर्देशक |
कोर्स अंक |
डीइ 401 |
दलित्स एंड प्रोसेस ऑफ़ एक्सक्लूशन |
डॉक्टर वाई चिन्ना राव |
04 |
डीइ 402 |
पोलिटिकल इकॉनमी ऑफ़ डिस्क्रिमिनेशन |
डॉक्टर कौस्तव बनर्जी |
04 |
डीइ 403 |
पॉवर, आइडेंटिटिस एंड डिस्क्रिमिनेशन |
प्रोफेसर बद्रीनारायण |
04 |
डीइ 404 |
रिलीजियस माइनॉरिटिस एंड सोशल एक्सक्लूशन |
डॉक्टर रोसिना नासिर |
04 |
नोट:
डीइ402एवं डीइ403: वैकल्पिक कोर्स आमतौर पर मानसून के सेमेस्टर में प्रदान किये जाते हैं ।
डीइ401 एवं डीइ404: वैकल्पिक कोर्स आमतौर पर शीतकालीन सेमेस्टर में प्रदान किये जाते हैं ।