एलईसी: परिचय
भाषा गत हाशिये पर वे लोग होते होते हैं जो अलग क्षेत्र से, देश के दूर दराज के इलाकों से आते हैं, जिनका रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में अंग्रेजी से सामना नहीं होता है, या वे जो समाज के उस भाग से आते हैं जिनके पास जीवन के हर पहलु में सीमित संसाधन और साधन होते हैं। इन मामलों में भी यह सराहनीय है कि वे अपनी शिक्षा का प्रबंधन कर लेते हैं जो उनके लिए अजनबी की तरह है। सौभाग्य या दुर्भाग्य से, उच्च शिक्षा के लिए अंग्रेजी निर्देश का माध्यम है, जो बातचीत के लिए ज़रूरी है और वह संस्था गत और क्षेत्रीय साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। पूरे देश पर देश के पूरे सामाजिक सांस्कृतिक स्पेक्ट्रम से जेएनयू में आये छात्रों को अंग्रेजी में उच्च शिक्षा के लिए प्रतिस्पर्धा की ज़रूरत है, एक रजिस्टर जो नयूत्रल हो, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य हो ,क्षेत्रीय, सामाजिक-सांस्कृतिक और दूसरी विविधताओं में तुलनात्मक हो। जब कोई एक टर्म पेपर लिखता है या पीएचडी सिनोप्सिस, लिखित दस्तावेज़ में क्षेत्रीय, सामाजिक , सांस्कृतिक का भाषा पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
भाषाई सशक्तिकरण सेल का लक्ष्य जेएनयू के हर छात्र को उच्च शिक्षा में इस्तेमाल होने वाली भाषा के ऊपर नियंत्रण पाने के लिए तैयार करना है और जेएनयू में जो पेश किया जाता है उसे ग्रहण करने के लिए उनका सशक्तिकरण करना। ये यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भाषाई बाधा संज्ञात्मक बाधा न बन जाए जओ छात्रों को निराश कर दे। आखिरकार छात्रों की न केवल भाषा में पहुँच हो बल्कि अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करना भी आना चाहिए जिसमें वे जेएनयू में कार्यक्रम कर रहे हैं। एलई सेल द्वारा आयोजित प्रोग्राम छात्रों को अपनी पूर्ण रचनात्मक क्षमता को जानने में मदद करता है।