भूमिका
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में समान अवसर कार्यालय (ईईई) है जिसकी स्थापना देश में शायद इस प्रकार के पहले कार्यालय के रूप में हुई है। यह कार्यालय विश्वविद्यालय में विभिन्न अध्ययन पाठ्यक्रमों में दाखिल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय, दिव्यांगजन आदि मार्जिनलाइज्ड समुदायों से संबंधित छात्रों की सहायता करना एवं उन्हें सलाह देने का कार्य करता है।
समान अवसर कार्यालय में निम्नलिखित पदाधिकारी हैः-
मुख्य सलाहकारः प्रो. पॉलराज राजमणि
सलाहकारः डॉ. रीता सोनी ए.एल
सलाहकारः प्रो शोभा शिवशंकरन
विश्वविद्यालय में समान अवसर कार्यालय के पास अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित विचारार्थ विषय हैः-
- मार्जिनलाइज्ड वर्गों के छात्रों के लिए उपचारी पाठ्यक्रमों सहित उपयुक्त कार्यक्रम/योजना चलाकर उनके कार्य निष्पादन में सुधार करना (ऐसे छात्र स्नातक, स्नातकोत्तर, एमफिल, पीएचडी अथवा अन्य स्तर के हो सकते हैं) तथा/अथवा ऐसे कार्यक्रमों/योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करना;
- मार्जिनलाइज्ड वर्गों के छात्रों के लिए शैक्षणिक सशक्तीकरण हेतु अपेक्षित वित्तीय एवं अन्य संसाधन जुटाने के प्रयोजन से सरकारी तथा अन्य कोष एजेंसियों (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सहित) से तालमेल स्थापित करना;
- शैक्षिक, वित्तीय एवं अन्य मामलों के संबंध में मार्जिनलाइज्ड वर्गों के छात्रों के लिए सूचना प्रदान करना तथा उनके लिए परामर्श एवं मार्गदर्शन केंद्र के रूप में कार्य करना;
- मार्जिनलाइज्ड वर्गों एवं विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमि के छात्रों में हेल्दी अंतर्निजी संपर्क बढ़ाने के लिए सामाजिक रूप से अनुकूल वातावरण के सृजन में सहायता करना;
- मार्जिनलाइज्ड वर्गों के छात्रों एवं शिक्षकों में शैक्षिक पारस्परिक चर्चा एवं पाठ्येत्तर गतिविधियों के लिए सौहार्दपूर्ण अंतर्निजी संबंध विकसित करना;
- अपने दायरे के अंदर मार्जिनलाइज्ड वर्गों के छात्रों को किसी भी स्तर पर भेदभाव से उत्पन्न समस्याओं एवं अवरोधों से पार पाने के लिए उनकी सहायता करना;
- मार्जिनलाइज्ड वर्गों के छात्रों के लिए शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक सशक्तीकरण के लिए समसामयिक महत्व के मुद्दों पर समय-समय पर संगोष्ठी/सिम्पोजिया/कार्यशाला/सम्मेलन/प्रदर्शनी आदि का आयोजन करना;
कार्यशाला/संगोष्ठी/व्याख्यान
समान अवसर कार्यालय के तत्वावधान में वर्ष 2012 एवं 2014 के बीच विश्वविद्यालय के स्कूलों एवं केंद्रों में विभिन्न संगोष्ठियां/सिम्पोजिया/कार्यशाला/सम्मेलन/व्याख्यानमालाओं का आयोजन किया गया। ऐसी गतिविधियों के विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र.सं. |
आयोजक |
संयोजक का नाम |
कार्यशाला/संगोष्ठी/व्याख्यानमाला |
1. |
भारतीय भाषा केंद्र, भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान |
प्रो. के. नचिमुत्तु |
विभिन्न पाठ्यक्रमों में पिछड़ने वाले छात्रों के लिए 12-19 अप्रैल, 2012 में चार दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इसके अलावा, विषय विशेषज्ञों द्वारा विशिष्ट व्याख्यानमाला का आयोजन भी किया गया। |
2. |
सामाजिक चिकित्साशास्त्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सामाजिक विज्ञान संस्थान |
प्रो. रितु प्रिया मेहरोत्रा |
अप्रैल के प्रथम सप्ताह तथा मई 2012 के दूसरे सप्ताह में उपचारी कोचिंग कक्षाओं पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। |
3. |
विधि एवं अभिशासन अध्ययन केंद्र,
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प्रो. अमिता सिंह |
अप्रैल-मई 2012 में मार्जिनलाइज्ड वर्गों के छात्रों के लिए रिसर्च मैथेडोलॉजी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। |
4. |
समान अवसर कार्यालय |
श्री संदीप (छात्र संयोजक) |
जेएनयू के समान अवसर कार्यालय तथा सक्षम ट्रस्ट, नई दिल्ली के सहयोग से एक्सआरसीवीसी, जेवियर्ज कॉलेज, मुंबई द्वारा 4-6 अक्तूबर 2012 तक अंतर्चक्षु-द आइ विदिन नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। |
5. |
समान अवसर कार्यालय तथा अंग्रेजी अध्ययन केंद्र, एसएलएल एंड सीएस |
डॉ. नवनीत सेठी |
दिनांक 9-10 नवंबर 2012 तक ‘आफ्टर एम्प्लॉयमेंट वाट?: ए वर्कशॉप ऑन चैलेंजिज फेस्ड, नेगोसिएशन्ज मेड एंड पॉलिसीज रिक्वायर्ड फॉर डिफ्रेंटली एबल्ड टीचर्ज इन इंस्टीट्यूशन्ज ऑफ हायर लर्निंग’ विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। |
6. |
समान अवसर कार्यालय |
श्री जगदीश तथा उम्मुल खेर |
दिनांक 3 दिसंबर 2012 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया गया। |
7. |
समान अवसर कार्यालय (हुरीटर, एसआइएस तथा सोसायटी फॉर डिसेबिलिटी एंड रिहेबिलिटेशन स्टडीज के सहयोग से) |
डॉ. जी.एन. कर्ण |
दिनांक 3 दिसंबर 2013 को कुंजरु सम्मेलन कक्ष, एसआइएस, जेएनयू में ‘पार्टिसिपेशन्ज ऑफ पर्सन्ज विद डिसेबिलिटीज इन पॉलिटिकल प्रोसेसिज इन इंडिया’ विषयक गोलमेज सम्मेलन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया गया। |
8. |
समान अवसर कार्यालय |
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दिनांक 23 जनवरी 2013 को सामाजिक विज्ञान संस्थान, जेएनयू में ‘इंडिया अनटच्ट-स्टोरीज ऑफ ए पीपल अपार्ट’ विषय पर फिल्म दिखाई गई तथा इस पर परिचर्चा की गई। |
9. |
समान अवसर कार्यालय तथा रूसी अध्ययन केंद्र, जेएनयू |
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जेएनयू के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अद्ययन संस्थान में 24 जनवरी 2014 को ‘अंडरस्टैंडिंग आइ डोनेशन’ विषय पर व्याख्यान एवं प्रस्तुति का आयोजन किया गया। |
अवरोध मुक्त परिसर के लिए एक्सेस-ऑडिट
विश्वविद्यालय परिसर में शैक्षिक, प्रशासनिक, आवासीय भवनों तथा सार्वजनिक स्थानों को ह्वील चेयर प्रयोक्ताओं एवं नेत्रहीनों के लिए सुगम्य बनाने के लिए पूरे परिसर का एक्सेस-ऑडिट किया गया है ताकि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उच्चतर शिक्षा सुकर हो सके। इस प्रक्रिया के दौरान अपेक्षित सुरक्षा उपायों एवं आधारभूत सुविधाओं से संबंधित अनेक मुद्दों पर विचार किया गया।
विकलांगजन अधिनियम कार्यान्वयन योजना (एसआइपीडीए) के अंतर्गत विकलांग मामले विभाग, सामाजिक न्याय एवं आदिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लगभग 8.51 करोड़ रु. की अनुदान राशि की मंजूरी देकर इस विश्वविद्यालय को आदर्श उच्चतर शिक्षा संस्था के रूप में पहचान दी गई है ताकि अवरोध मुक्त वातावरण बनाने के लिए कार्य के प्रथम चरण को पूरा किया जा सके और विश्वविद्यालय परिसर में अपेक्षित आधारभूत एवं अन्य बदलावों को सुकर बनाया जा सके। संभवतः समान अवसर कार्यालय ऐसी गतिविधियों में विश्वविद्यालय की सहायता कर रहा है जो ऐसे बदलाव लाने के लिए प्रक्रियाधीन हैं।
अवरोध मुक्त वातावरण बनाने के लिए उपाय
यद्यपि दिव्यांग व्यक्तियों को सुविधा प्रदान करने के लिए पहले कुछ उपाय (विशेष प्रकार के रैम्प बनाने, विकलांग अनुकूल शौचालय बनाने आदि) किए गए हैं, फिर भी विकलांग लोगों के लिए विश्वविद्यालय को सुगम्य बनाने के लिए अभी कई ऐसे मामले हैं जिनमें और अधिक ध्यान देने एवं सुधार करने की आवश्यकता है। इस दिशा में एसआइपीडीए के अंतर्गत जारी गतिविधि विश्वविद्यालय परिसर को अवरोध मुक्त बनाने में एक बड़ा प्रयास है जिससे दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विश्वविद्यालय को सुगम्य बनाने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। अन्य बातों के साथ-साथ दिव्यांग शोधार्थी/छात्रों को सुविधा प्रदान करने के लिए निम्नलिखित प्रयास किए जा रहे हैः-
लिफ्ट
दिव्यांग व्यक्तियों की सहजता एवं सुगमता के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों में पहले ही लिफ्ट लगाई जा चुकी हैं। यद्यपि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लिफ्टों को सुगम्य बनाने के लिए अतीत में कई उपाय किए गए हैं, फिर भी कुछ और उपाय जैसे ब्रेल सिस्टम लगाने, ध्वनि तंत्र लगाने आदि कार्य किए जा रहे हैं ताकि लिफ्टों को और अधिक दिव्यांग अनुकूल बनाया जा सके।
शौचालय
कम दृष्टि के छात्रों की सहायता के लिए स्कूलों एवं पुस्तकालय के शौचालयों में पर्याप्त रोशनी मुहैया कराने के लिए विशेष उपाय किया गया है। कोयना तथा शिप्रा छात्रावासों के भूतल पर बने हुए शौचालयों में निर्माण कार्य किया गया है ताकि इन्हें अधिक दिव्यांग अनुकूल बनाया जा सके। तथापि, छात्रों द्वारा कुछ समस्याओं का सामना किया जा रहा है। इन समस्याओं को चिह्नित कर लिया गया है तथा एसआइपीडीए योजना के अंतर्गत ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास जारी हैं। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुगम्यता को बढ़ाने के लिए परिसर के अन्य इलाकों में शौचालयों का आधारभूत संशोधन भी किया जा रहा है।
एटीएम्स
विश्वविद्यालय में वर्ष 2012 में दो एटीएम जिन्हें भारतीय स्टेट बैंक के प्रथम ‘रियल’ दिव्यांग अनुकूल एटीएम कहा जाता है, लगाए गए हैं। एक एटीएम पूर्वांचल कॉम्प्लेक्स में है तथा दूसरा केंद्रीय पुस्तकालय के पास है।
ह्वील चेयर्स
समान अवसर कार्यालय द्वारा इस अवधि के दौरान दिव्यांग छात्रों के लिए 14 ह्वील चेयर्स (कमोड एवं फोल्डिंग फूट सहित दो ह्वील चेयर) खरीदी गई हैं।
दृष्टिबाधित छात्रों के लिए ब्लाइंड स्टिक्स
विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत काफी छात्र पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित हैं। चूंकि ऐसे छात्र परिसर में घूमने-फिरने के लिए साधारणतया ब्लाइंड स्टिक्स लेकर चलते हैं। समान अवसर कार्यालय ने विश्वविद्यालय के दृष्टिबाधित छात्रों में वितरण हेतु रामकृष्ण मिशन (कोलकाता) से अच्छी गुणवत्ता की 50 ब्लाइंड स्टिक्स खरीदी हैं।
अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक कार्यक्रमों में भागीदारी हेतु वित्तीय सहायता
विकलांग शोधार्थियों के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों यथा-संगोष्ठियों, परिसंवादों एवं सम्मेलनों में भाग लेना एक वित्तीय बोझ हो सकता है। इस तथ्य के ध्यानार्थ ऐसे शोधार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अथवा विकलांगजन मामले नोडल विभाग, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय सहित कहीं से या तो बहुत कम अथवा कोई व्यवस्था नहीं है। समान अवसर कार्यालय ने कुलपति के विजनरी मार्गदर्शन के अंतर्गत ऐसे शोधार्थियों/छात्रों तक वित्तीय सहायता का विस्तार किया है ताकि उनके लिए शैक्षिक कार्यक्रमों की पहुंच बढ़ सके। ऐसे प्रयासों के माध्यम से विश्वविद्यालय में डॉक्टरल शोध कर रहे चार विकलांग शोधार्थियों/छात्रों (अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग से दो छात्रों सहित) को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों/परिसंवादों/सम्मेलनों में भाग लेने तथा अपना आलेख प्रस्तुत करने के लिए सहायता उपलब्ध कराई गई है। इन शोधार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों के ब्यौरे निम्नानुसार हैः-
- (क) मल्टीमीडिया यूनिवर्सिटी, क्वालालम्पुर, मलेशिया में 29 मई-1 जून 2012 तक 16वें पेसीफिक एशियन कॉंफ्रेंस ऑन नॉलेज डिसकवरी एंड डाटा माइनिंग (पीएकेडीडी 2012) में प्रस्तुति हेतु जेएनयू के कंप्यूटर एवं सिस्टम्ज विज्ञान संस्थान के पीएचडी शोधार्थी का शोध-आलेख ‘रेलिवेंट फीचर सलेक्शन फ्रॉम ईईजी सिगनल्स’ का चयन किया गया।
- (ख) यूनिवर्सिटी ऑफ मलाया, मलेशिया में 11 एवं 12 अप्रैल 2013 को चौथे एफएलएल इंटरनेशनल पोस्टग्रेजुएट कॉंफ्रेंस में प्रस्तुति हेतु जेएनयू के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान के पीएचडी शोधार्थी का शोध-आलेख ‘एक्सपेंडिंग रिसर्च इन लैंगवेजिज एंड लिंगविस्टिक्स इन एशिया’ का चयन किया गया। संदर्भगत शोधार्थी को दिनांक 13 अप्रैल 2013 को आयोजित पोस्ट कॉंफ्रेंस वर्कशॉप ऑन रिसर्च में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया गया था।
- (ग) जेएनयू के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के अंतरराष्ट्रीय राजनीति, संगठन एवं निरस्त्रीकरण केंद्र (सायपॉड) में दाखिल पीएचडी शोधार्थी (शारीरिक रूप से विकलांग) को 29-30 अक्तूबर को आठवें इंटरनेशनल स्टुडेंट/यंग पुगवाश कॉंफ्रेंस 2013 में शोध-आलेख प्रस्तुत करने तथा दिनांक 1-5 नवंबर 2013 को इस्तांबुल, टर्की में ‘डायलॉग, डिसआर्मामेंट, रीजनल एंड ग्लोबल सेक्योरिटी’ विषय पर आयोजित 60वें पुगवाश कॉंफ्रेंस ऑन साइंस एंड वर्ल्ड अफेयर्स में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई।
- (घ) जेएनयू के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान में यूरोपीयन अध्ययन केंद्र के पीएचडी शोधार्थी (अनुसूचित जाति) को दिनांक 17-22 अक्तूबर 2013 तक नॉर्डिक सेंटर ऑफ फुदन यूनिवर्सिटी, शंघाई, चीन में ‘वेल्फेयरिज्म इन द राइज ऑफ नियोलिब्रलिज्मः ए कम्पेरेटिव स्टडी ऑफ नॉर्डिक स्टेट्स वेल्फेयर मॉडल एंड इंडिया वेल्फेयर पॉलिसी पोस्ट 1990’ विषय पर प्रस्तुति देने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई।
हेलन केलर यूनिट
समान अवसर कार्यालय के सहयोग से विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में नेत्रहीन छात्रों की विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निम्नलिखित सुविधाएं स्थापित की गईः-
- विकलांग अधिकार कार्यकर्ता हेलन केलर के नाम से केंद्रीय पुस्तकालय भवन के भूतल पर एक यूनिट (सीडी तथा पुस्तकों के रैक से सुसज्जित) की स्थापना की गई है। उक्त यूनिट मांग पर स्कैनिंग कार्यों के अलावा ई-पुस्तकें/डिजिटल पुस्तकें मुहैया कराकर नेत्रहीन छात्रों/शोधार्थियों को विशेष सेवाएं भी उपलब्ध कराता है। कम दृष्टि के छात्रों/शोधार्थियों के लिए 5 डेस्कटॉप पर मेजिक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया है। ब्रेल प्रिंटरों से अंग्रेजी पाठ, ग्राफिक्स तथा ब्रेल के मानचित्रों की प्रिंटिंग हो सकती है।
- हेलन केलर यूनिट में निम्नलिखित सहयोगी तकनीक उपलब्ध हैः- डेस्कटॉप-30, जॉज-30 (प्रत्येक कंप्यूटर पर), कर्जवेलल 1000 - 30 (प्रत्येक कंप्यूटर पर), कंप्यूटर हेडफोन-30, एचपी फ्लैटबेड स्कैनर-20, लेक्सकेम स्कैनर-02, रिफ्रेशनेबल ब्रेल डिसप्ले-02, ब्रेल एम्बोजर्स-02।
इस यूनिट का विस्तार विभिन्न स्कूल/सेंटरों यथा-एसएसएस-1, एसएसएस-2, एसआइएस, सीएसएलजी तथा संस्कृत आदि तक कर दिया गया है। इन सॉफ्टवेयरों की मदद से विभिन्न यूरोपीय भाषाएं तथा हिंदी भाषा में ई-टेक्स्ट को सुनने के लिए इनेबलिंग रीडर सुविधा है।
समान अवसर कार्यालय के सहयोग से निम्नलिखित वितरण कार्य किएः-
एंजल डेजी प्लेयर-52
लैपटॉप-40 (एमफिल तथा पीएचडी शोधार्थियों के लिए)
ह्वील चेयर-15 (विकलांग छात्रों के लिए)
लॉकर सुविधा-नेत्रहीन एवं विकलांग छात्रों के लिए
पुस्तकालय इन छात्रों के लाभ के लिए सहयोगात्मक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर प्रशिक्षण एवं अभिविन्यास कार्यक्रम चलाता है ताकि वे अपने दैननदिन अध्ययन में नवीनतम सहयोगात्मक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर सकें। पुस्तकालय डेजी फोरम ऑफ इंडिया का सदस्य भी है।
शिकायत निवारण तंत्र
समान अवसर कार्यालय विश्वविद्यालय समुदाय के विभिन्न अनुभागों के बीच सामाजिक सद्भाव (सोशल हार्मनी) बनाए रखने के लिए अपने कार्यक्षेत्र की पूर्ति के लिए समर्पित है। उक्त कार्यालय के सामने जब कभी सामाजिक भेदभाव का मामला आता है तो इसकी पूरी तरह जांच की जाती है तथा उचित कार्रवाई की सिफारिश भी की जाती है। छात्रों अथवा किसी भी स्तर के स्टाफ सदस्यों द्वारा सामना किए जा रहे सामाजिक भेदभाव से संबंधित मुद्दों का निवारण समान अवसर कार्यालय के मुख्य प्रयोजनों में से एक है। वर्ष 2012-14 की अवधि के दौरान इस कार्यालय में ऐसी कुल 12 शिकायतें प्राप्त हुईं। ऐसे मामलों का निपटान आंतरिक बैठकों के माध्यम से किया गया है। समान अवसर कार्यालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सभी छात्रों के लिए सफलता की कामना करता है तथा उनकी सहायता के लिए सदैव तत्पर है।