भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान
वर्ष 1969 में स्थापित भाषा, साहित्य और संस्कृति अध्ययन संस्थान विश्वविद्यालय के प्रारम्भिक संस्थानों में से एक है। यह देश में भाषा अध्ययन तथा भाषा-विज्ञान, विभिन्न भाषाओं के साहित्य और संस्कृति अध्ययन में उच्च अध्ययन और शोध हेतु एक प्रमुख संस्थान है। यूरोपीय संघ के ‘कल्चरल स्टडीज इन लिट्रेरी इंटरजोन्स’ में प्रतिष्ठित इरेसमस मुंडुस ज्वायंट डॉक्टरेट के पांच डिग्री प्रदान करने वाले सहभागियों में शामिल होकर वैश्विक प्रतिष्ठ बढ़ी है। इसका एक घटक अंग्रेजी अध्ययन केंद्र विश्व में साहित्य अध्ययन के शीर्ष 100 विभागों में से एक रहा है। इसके अलावा, संस्थान के सभी केंद्र और संस्थान अपने आप विश्व के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ एओसी और एमओयू के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने में सक्रिय रहा है।
संस्थान में बारह केंद्र हैं। अरबी और अफ्रीकी अध्ययन केंद्र (सीएएएस),चीनी और दक्षिण-पूर्वी एशियाई अध्ययन केंद्र (सीसीएसईएएस), अंग्रेजी अध्ययन केंद्र(सीईएस), फ्रेंच और फ्रेंकाफोन अध्ययन केंद्र (सीएफएफएस), जर्मन अध्ययन केंद्र (जीजीएस), भारतीय भाषा केंद्र (भारतीय भाषा केंद्र), जापानी अध्ययन केंद्र (सीजेएस), कोरियाई अध्ययन केंद्र (सीकेएस), भाषा विज्ञान केंद्र (सीएल), फारसी और मध्य एशियाई अध्ययन केंद्र (सीपीसीएएस), रूसी अध्ययन केंद्र (सीआरएस),स्पेनी, पुर्तगाली, इतालवी और लैटिन अमरीकी अध्ययन केंद्र(सीएसपीआईएलएएस)। इसके अतिरिक्त संस्थान में एक भाषा प्रयोगशाला और मल्टी मीडिया प्रयोगशाला (एलएलसी) है।
संस्थान के केंद्रों द्वारा विभिन्न विषयों में अनेक प्रकार के पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। भाषा इंडोनेशिया, इतालवी (वर्तमान में संचालित नहीं), मंगोलियन, पुर्तगाली, पश्तो जैसी विदेशी भाषाओं और उर्दू में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और उच्च-प्रवीणता डिप्लोमा तथा उर्दू में मास मीडिया कोर्स चलाये जाते है। संस्थान अरबी, चीनी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, कोरियाई, फारसी, रूसी और स्पेनी जैसी विदेशी भाषाओं में बी.ए. (ऑनर्स), एम.ए. और पी-एच.डी. पाठ्यक्रम चलाता है। संस्थान अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू साहित्य तथा भाषा-विज्ञान में एम.ए. और एम.फिल./पी-एच.डी. पाठ्यक्रम चलाता है। इसके अतिरिक्त, संस्थान पुर्तगाली में एम.फिल., हिंदी अनुवाद और तमिल में एम.फिल./पी-एच.डी. पाठ्यक्रम भी संचालित करता है। इसके अतिरिक्त, संस्थान ग्रीक, हिब्रू और तुर्की भाषाओं में वैकल्पिक कोर्स भी ऑफर करता है।
मौजूदा पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त, संस्थान में कन्नड़ चेयर है और बंगाली, असमी तथा मराठी भाषाओं में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। ओडिया चेयर स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास जारी हैं। इन औपचारिक पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त, अन्तर्विषयी अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए संस्थान द्वारा विभिन्न भाषाओं/विषयों में टूल/वैकल्पिक कोर्स भी चलाए जाते हैं। संस्थान विश्वविद्यालय के अंग्रेजी में कमजोर छात्रों के अकादमिक उद्देश्य हेतु भाषाई दक्षता को उन्नत करने की दृष्टि से भाषिक दक्षता प्रकोष्ठ अंग्रेजी भाषा में एक उपचारात्मक कोर्स भी चलाता है।
शिक्षण और शोध गतिविधियों के अतिरिक्त, संस्थान ‘जर्नल आफ स्कूल आफ लैंगवेजिज’ पत्रिका का प्रकाशन भी करता है। इसका प्रकाशन सत्तर के दशक में शुरू हुआ था। इसमें साहित्य, भाषा, संस्कृति अध्ययन, तुलनात्मक अध्ययन और अनुवाद पर महत्त्वपूर्ण शोध-पत्र प्रकाशित हुए हैं और इसमें भाषाई सीमाएं टूटी हैं। इसके अतिरिक्त, संस्थान के कुछ केंद्रों की अपनी पत्रिकाएं भी प्रकाशित होती हैं। रूसी अध्ययन केंद्र ‘क्रिटिक’ और स्पेनी, पुर्तगाली, इतालवी और लेटिन अमरीकी अध्ययन केंद्र ‘हिस्पानिक होरिजन’ नामक पत्रिका प्रकाशित करते हैं।
यह संस्थान, भाषा-शिक्षण, भाषा विज्ञान, साहित्य और संस्कृति के अध्ययन क्षेत्रों में उच्च स्तरीय विद्वान और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त अनुवादक और दुभाषिया तैयार करता है। इस वर्ष भी सभी केंद्रों के शिक्षकों ने न केवल उच्च स्तरीय शोध के लिए सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया है अपितु, विभिन्न शोध कार्यों तथा प्रकाशनों की गुणवत्ता एवं अन्य उपलब्धियों के माध्यम से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
डीन
प्रो. शोभा शिवशंकरन
फ्रेंच और फ्रेंकाफोन अध्ययन केंद्र
भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान
जेएनयू, नई दिल्ली-110064